देखिए एक टाइम ऐसा था जब पेप्सी कंपनी दुनिया की 6th सबसे बड़ी आर्मी बन गई थे। अब आप कहोगे की Pepsi जैसी कंपनी का भला आर्मी से क्या मतलब है।

देखिए 1959 में अमेरिका और सोवियत यूनियन के बीच में टेंशन को कम करने के लिए अमेरिकन प्रेसिडेंट डेविड ने मास्को में एग्जिबिशन लगवाई पेप्सी जैसे ब्रांड वहां पे काफी प्रमोट किए पेप्सी के सीईओ ने सोवियत यूनियन के पीएम निकिता को पेप्सी ऑफर की जो उन्हें बहुत ही पसंद। आई और इसके बाद अमेरिका ने sovereat यूनियन में पेप्सी के ट्रेड शुरू कर दिया और सोवत यूनियन ने अमेरिका में वोट का ट्रेड शुरू कर दिया पेप्सी ने तो सनोवाइड यूनियन ने तीन डॉलर का प्रॉफिट बनाया लेकिन सोवियत यूनियन की बोर्ड का अमेरिका में लॉस में चली गई और ये जो पैसे का डिफरेंस था उसको भरने के लिए sovereat यूनियन ने पैसे की जगह 17 समरी एक क्रूजर और एक वॉर चीज दी पेप्सी को और उसे पार्टिकुलर टाइम पे अगर आर्मी के एसेट कंपेयर करें जाए तो पेप्सी के पास जो वेपन द वो ऑल ओवर वर्ल्ड में सिक्स नंबर पे द हालांकि ये बहुत कम टाइम के लिए हुआ क्योंकि आगे चल के पेप्सी ने स्वीट डिश कंपनी को इनको बेच दिया।
