
देखिए वैसे तो इंडिया के अंदर सरकारी नौकरी पाने की बहुत होड़ लगी रहती है, बट एक डिपार्टमेंट ऐसा है जहां लोग सरकारी नहीं बल्कि प्राइवेट जॉब को प्रेफर करते हैं यहां बात हो रही है डॉक्टर्स की दरअसल हरियाणा गवर्नमेंट एमबीबीएस स्टूडेंट्स के लिए एक बॉन्ड लेके आई है जिसके अकॉर्डिंग कैंडीडेट्स को सात साल तक गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में कम करना होगा और ऐसा ना करने पे कैंडीडेट्स को 40 लाख ऐसा पेनल्टी गवर्नमेंट को देने पड़ते हैं अब स्टूडेंट जिससे बिल्कुल ना खुश हो गए और इसके खिलाफ उन्होंने प्रोटेस्ट किए जिसकी वजह से गवर्नमेंट ने बॉन्ड को 7 साल की जगह पंच साल कर दिया और जो पेनल्टी थी उसको 40 की जगह 30 लाख कर दिया।
पीजीआईएमएस रोहतक के डॉक्टर अंकित गुलिया ने कहा की गवर्नमेंट कॉलेजेस में एजुकेशन काफी कम पैसों में दी जाती है तो कैंडीडेट्स को कुछ टाइम गवर्नमेंट सेक्टर को भी सर्व करना चाहिए और ये भी बोला की नए मेडिकल कॉलेजेस और इंफ्रास्ट्रक्चर इंप्रूव करने के लिए फंड्स की जरूरत पड़ती है और ये बॉन्ड पॉलिसी फंड कलेक्ट करने का एक तरीका है, इन बॉन्ड्स के हेल्प से जो पिछले इलाके हैं वहां पे जो डॉक्टर्स की कमी है वो भी पुरी हो पाएगी
