ए कहानी सुरू हुआ था 1500 years पहले लेकिन आजतक खतम नहीं हुआ।

आज एसाही भारत के 200millions लोगो के अधूरी कहानी आपके सामने रख रहा हु।

3 विभाग सै बाटा हूं

1st एक दलीत के कहानी किया है।

मैं दालित हालांकि मेरा असली नेम कुछ और है, लेकिन ज्यादा तर लग मुझै,दलित, भंगी,चमार,चांडाल,धोबी, डोम,कोमिना,भांड, गंदेगी नामो से बुलाते हैं। कभी ऐसा लगता है की मैं भी अपना असली नाम भूल चुका हु, मेरा 4/5 साल तक सब ठीक चल रहा था, हा हमलोग बाकी दलित परिवार के तरह गरीब जोरुर थे, आगे जो सामना किए उसके सामने ए गरीबी सैयद कुछ भी नहीं था। 8 june 2015 एकदीन मैं स्कूल का और बाकी लोगो से अलग हूं ए एहसास दिलाने के पहला दिन था, स्कूल जाने के बाद मुझे बाकिओ से अलग कपड़े दिए गोए नीला रंग के मेरे लिए अलग नियम बनया गोए, मुझाइ अलग बैठाया गोया, मैं स्किल के साइड पै जो पतीला पै पानी रखा था ओ पी nhi सकता और छू भी नही सकता था, एकदिन स्कूल के मास्टर आय और कोहे दलित कालसे तुम स्कूल के टॉयलेट साफ करना ए तुम्हारा काम है, मैं साफ करता था परंतु मैं टॉयलेट यूज करने के अनुमति नहीं था। Midday meals मैं भी मुझे अलग बैठाया जाता था, मेरा कक्षा के कोई भी मेरे से दूर और हाथ भी नही लगाते थे, असोब ठीक था कुछ हद हुआ की , कुछ लोग मुझे भंगी के बेटे, चमार के बेटा, बोलना सुरू कर दिए थे,

तब मुझे कुछ सवाल आया मन में की मैं हु कोन खून भी लाल है, दिखता भी उनके तरह फिर भी मुझे इन्सान हो के भी जानवर का तरह बर्थब क्या जाता है। ए सवाल ले के सबेसे पहले अपने पिताजी के पास गोया था। फिर पिताजी कहा हिंदू शास्त्र में 4 बोर्न है, उनमें सबसे नीचे शुद्ध, और उनसे भी नीचे हम है, ऐसा ओ लोग बोलते है। ब्रह्म, क्षत्रिय, वैश्या, शुद्ध

मैं 17 साल का था मूझे शस्त्र का ज्ञान नहीं था, लेकिन मुझै एक चीज पता था। ओ भगवान जिन्होंने पूरे जहां को बनाया है उनकेलिए दुनिया के हर एक जीव समान ही होगा, मैं ए कोई शस्त्र ज्ञान से नहीं बोलरहा हूं, बिल्ली एक 17 साल के लड़के के मन में धर्म के विश्वास से बोलराहा था। लेकिन मुझे अपना धर्म शस्त्र को अच्छा सै समझना था, मुझे देखना था की ऐसा क्या है कारण जो हमारे देश के लोग हमे गंदगी समझते हैं।

मुझे शस्त्र मैं जो मिला मैं हैरान हो गोया ऐसा किया मिला था। क्यूं हैरान हुआ। बोलने से मैं कुछ अनसुने बाते बताना चाहूगा मेरे जिससे दलित जो दूसरों के मेल साफ करते थे, और अभी भी बहत लग है जो करते है, दलित पै अत्याचार और होता हे इस वजह से ज्यादा तर लग पढ़ाई नही करपाते हैं, रेप घिननो हरकत करते है क्युकी हम दलित है, मर्डर होता हैं क्युकी हम दलित है उसके बाद हम कुछ कर भी नहीं पाते कोई सुनता ही नही। आप अगर कोई दलित के कहानी जानेंगे तो पता चलेगा की कितना गैंगरेप खून हुआ है लेकिन नैय नहीं मिलापाया।

लेकिन हम एक दलित पड़ते हुए आगे जाने के लिए इतना बेज़्जत होना परता है की 50% लोग तो स्कूल जाना ही छोड़ते है, अगर कोई मुस्कील से भी कॉलेज और हॉस्टल पोहुच गोए तो रूम मीत के तना इंगोर असोभी आम बात है अजीब और गरीब हरकते करते है मेरे को देखे के। इसमें सै कोई लोग थी आत्महत्या करलेटे थे। अगर सब खेल के कोई बड़े पद पर पहुंच जाते है तब भी ए बंद नही होता,

शमशान घाट के लिए भी लड़ाई करना पड़ता है हम दलित को इसी लिए कहते है की एक दलित आदमी जन्म दलित ही लेते है और दलित ही जिया है, दलित ही मरता है, और अंतिम संस्कार भी दलित ही होता है, अहि हमारे प्यारे भारत मे जन्म लिए लाखो दलित ओ के अधूरा कहानी, जिनलोगोको अपने देश और अपने ही लोगो ने गुलाम बना के रखा है ।

क्या हमारे शस्त्र पै ए बाते सच है क्या है सच के कहानी

शस्त्र पै जो मिला मैं देख के हैरान हो गोए हू। भागवत गीता के आधार पै ऐसा कोई नहीं है, सभी पाप है, वेदास मैं जरूर 4 वर्ण और 3 गुण के बात कहा गोया है। गुण –QUALITY वर्ण –PROFESSION वेदस के 3 गुण –सत्व, राजस, तमस । आसान भाषा पे बोले तो सत्व गुण के मतलब है positive,pure,pleeasur,divine, शस्त्र के हिसाब से ए Quality जिसके पास होगा उनको सोसाइटी के पॉलिसी और उत्तरदाता कहा जाता है। और अनलोगो को ही ब्रह्म कोहा जायेगा,सिमलरली कुछ लोगौको अपने quality के हिसाब से defance मैं होगा, ऐसी जो भी जिस गुण के ज्ञान रखता हो उसीतरहा उनको भी अपने वर्ण होगा,

शास्त्र के हिसाब से कोई भी बच्चा जन्म के बाद कोई वर्ण नहीं होता है, ओ जैसे जैसे बड़ा होता है अपने गुण के हिसाब से अपना वर्ण हासिल करता है। हिन्दू शस्त्र पै कोई भी एशिया नहीं कहा गोया है की राजा के बेटा राजा ही होगा और दलित के बेटा दलित होगा उसको प्रोमोटेड नही क्या गोया,

हिंदू शास्त्र के प्रमुख भागवत गीता पै इस्तराहा के बातो से साफ नकारा गोया है। आप जांच करसकते है भागवत गीता पाठ 7.07 पै संस्कृत पै इसका पूरा विभाजन क्या गोया है। बताया गोया है की हम सब इंसान और प्राणी जिब जंतु सब बराबर है एक समान है।

तो फिर ए किसका साजिश है जो इस दलित समाज को इस्तराह करना, लेकिन साजिश किसी का भी हो इसमें 2 no समाज के लोगो को नुकसान जरूर हो रहा है। जैसे दलित समाज को आजादी नहीं है, सबसे अलग नजर सै देखना, सस्था दबाई सुविधा, मंदिर पै ना जाना, साथ खाना नही खाना, बहत सारे और भी है ,HUMAN RIGHTS को छीना गोया है,

ए articale उनलोगो के लिए है जिसको शास्त्र के नाम पै brain wash क्या गोया है, और ऐसे कितना सारे गांव पै चल रहा है। जैसे अलग ग्लास पै पानी पीना ,कुत्ते के प्लेट पै खाना देना ऐसा बहत सारा जुल्म करते है ए सच के कि एलोग शास्त्र को पालन करते है। लिकन reallty पै इनलोगो को शास्त्र के पहले पाठ भी पता नहीं है। अप अगर कोही ऐसा देखे कोई प्रीत हो इस्तरहा अत्याचार सै तो कुछ सचिए और साजिश के पीछे कोन है पता लगाया,

दलित जैसे नेम उपोयग करके चुनाव जीतने के इरादा रहता है अभी राजनीत करते करते समाज एक मुद्दा है बस, इसमें उनको शान शोरोट निकट है सकती मिलता है खुद को बहत बारे नेता समझते है अत्याचार कर के।

मैं बस आपको सवाल ईसरा कररहे है उत्तर आपको ढूंढना है, मेरा किसीको नीचा और किसको ऊंचा दिखाना मेरा कोई उद्देश नहीं है हम बस आपको सही जानकारी देने के लिए अहा आय है।

कुछ प्रश्न है

  • आखिर क्यू ज्यादा तर राजनीति दल 2 हिस्सा पै बाट दिए है?
  • कुछ राजनीत दल Uppercast के बारे मैं बात करते है और कुछ lowercast के बारे क्यू?
  • कुछ लोग खुदको को धर्म रक्षक कहते है और इनलोग चर्चित भी रहते है दलित धर्म पै नहीं है क्या ?

आप लोग ऐसे कोई लोगो को इससे बाहर निकल न कैसे लोगो को शास्त्र के ज्ञान समझा के।

लोगो को भारत के संगबिधान के हर एक जानकारी सोमझाके। ढोंगी लोग को नकली नकाब उतारी।

हिंदू शास्त्र के अनुसार और भारत के संगबिधान के अनुसार ए सरार गलत है।

इसके लिए संगबिधन में SC ST OBC GENERAL जैसे CAST BANAYA दलित SC or ST होते है। और अभी भारत पै कोई नोकरी हो और दूसरा कोई चीज इनलोगोको सुविधा मात्रा ज्यादा होता है, upper cast ko काम मात्रा होता है।

BhimRao ambedkar भी एक दलित परिवार सै था,

By Ranjan saha

Ranjan saha self employed offline and social media platforms is part time also intrested in book and fact thanks

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